धार लगाकर सब आवाजे़ं आरी करनी हैं
एक बड़े जलसे की अब तैयारी करनी है
फुलझड़ियों से खेल रहे वे आग नहीं जाने
अँधियारे तहख़ानों में बमबारी करनी है
ब्लैक-होल डसते जाते हैं सूरजमुखियों को
अस्थिचूड़ देकर पीढ़ी उजियारी करनी है
हर कुर्सी पर जमे हुए हैं मार्कोस, यारो !
न्यायालय में नंगी हर मक्कारी करनी है (81)
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