कीमत है साठ पैसे,* अखबार लीजिए
मंडी लुटी है कैसे , अखबार लीजिए
गिरती पतंग लूटते जिस तरह से लोग
लुटती है लाज ऐसे, अखबार लीजिए
अमरीका हो या पाक हो या रूस हो या चीन
भूखे हैं गीध जैसे, अखबार लीजिए
जूतों से मुक्कों से भिड़ते हैं शराबी
एम पी लड़े हैं वैसे, अखबार लीजिए
चोरों के हाथ काट दो, लोगों की माँग है
जैसे के साठ तैसे! अखबार लीजिए [112]
*16 अक्टूबर,1981 .
मंडी लुटी है कैसे , अखबार लीजिए
गिरती पतंग लूटते जिस तरह से लोग
लुटती है लाज ऐसे, अखबार लीजिए
अमरीका हो या पाक हो या रूस हो या चीन
भूखे हैं गीध जैसे, अखबार लीजिए
जूतों से मुक्कों से भिड़ते हैं शराबी
एम पी लड़े हैं वैसे, अखबार लीजिए
चोरों के हाथ काट दो, लोगों की माँग है
जैसे के साठ तैसे! अखबार लीजिए [112]
*16 अक्टूबर,1981 .