सुनिए नई कमान लाया है शिकारी
खतरे में आसमान; आया है शिकारी
है धाँय धाँय धाँय या हाय हाय हाय
बन करके कोहराम छाया है शिकारी
वे बाज़ बच गए उत्सव में जिन्होंने
पंजों से रक्त-राग गाया है शिकारी
आँसू के आचमन, चीखों के मंत्र हैं
निर्दोष-रक्त में न्हाया है शिकारी
कोंपल प' चक्रधर जो एक तृण उगा
वह चीरता आता, माया है शिकारी [121]
09 /11 /1981
खतरे में आसमान; आया है शिकारी
है धाँय धाँय धाँय या हाय हाय हाय
बन करके कोहराम छाया है शिकारी
वे बाज़ बच गए उत्सव में जिन्होंने
पंजों से रक्त-राग गाया है शिकारी
आँसू के आचमन, चीखों के मंत्र हैं
निर्दोष-रक्त में न्हाया है शिकारी
कोंपल प' चक्रधर जो एक तृण उगा
वह चीरता आता, माया है शिकारी [121]
09 /11 /1981
1 टिप्पणी:
जिसके पास जितने नये तीर कमान, उसकी उतनी बड़ी पूछ... सभी तो सिर झुकाते हैं उसके सामने॥
एक टिप्पणी भेजें