राजा सब नंगे होते हैं।
कहने पर पंगे होते हैं।।
शीश झुकाकर जो जय बोलें,
बंदे वे चंगे होते हैं।।
लाज शरम सिखलाने वाले
जेहन के तंगे होते हैं।।
रंग-ढंग का ठेका जिन पर,
वे खुद बेढंगे होते हैं।।
'गला काटने वाले कातिल',
मत कहना, दंगे होते हैं।।
(हैदराबाद : 27/11/2022)
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