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रविवार, 27 नवंबर 2022

राजा सब नंगे होते हैं

 राजा सब नंगे होते हैं।

कहने पर पंगे होते हैं।।


शीश झुकाकर जो जय बोलें,

बंदे वे चंगे होते हैं।।


लाज शरम सिखलाने वाले

जेहन के तंगे होते हैं।।


रंग-ढंग का ठेका जिन पर,

वे खुद बेढंगे होते हैं।।


'गला काटने वाले कातिल',

मत कहना, दंगे होते हैं।।

(हैदराबाद : 27/11/2022)

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