'कल धमाके में मरा जो , कौन था?' पूछा जभी
यों सुबह बोली सहम कर, 'एक भोला आदमी'
हो गया साबित बहुत हल्का सभी के सामने
यार! जब सच की तुला में आज तोला आदमी
भर दिया बारूद तुमने खाल में उसकी स्वयं
क्यों शिकायत यदि पटाखा और गोला आदमी
एक कोने से मसर्रत, एक कोने से रमा
देखते युग की हथेली पर फफोला आदमी
हर शिरा में साँप पाए, आँत में बिच्छू मिले
धर्म के कपडे हटा जब चीर खोला आदमी
रोटियाँ तो मिल न पाईं आपकी बंदूक से
और कब तक खा सकेगा गर्म शोला आदमी [125]
2 टिप्पणियां:
धर्म शिरा में साँप पाए, आंत में बिच्छू मिले
धर्म के कपड़े हटा जब चिर खोला आदमी॥
सच है कि आस्तीन के सांप ही उत्पात मचा रहे हैं और ‘भोला आदमी’ लहुलुहान हुआ जा रहा है॥
@चंद्रमौलेश्वर प्रसाद
काश, इस भूमंडल को धर्म-संप्रदाय नाम की आदमखोर चुड़ैल से मुक्त किया जा सकता !
टिप्पणी के लिए आभारी हूँ. [एक आप ही तो नियमित रूप से इस पुण्य को संपन्न करते हैं मेरे निमित्त.]
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